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उन्होंने नंद वंश का नाश कर चन्द्रगुप्त मौर्या को राजा बनाया। उन्होंने अर्थशास्त्र , राजनीती ,कृषि , समाजनीति आदि महँ ग्रंथो का निर्माण किया। और इन सब मे सबसे ज्यादा प्रसिद्धः महँ चाणक्य नीति का निर्माण किया जो आज के आधुनिक युग में भी बराबर से पढ़ी जाती हे , युवा वर्ग इस किताब को ज्यादा पसंद करते हे। यह पुस्तक अनुदेश रूप में लिखी गयी हे , आइए जानते हे इस पुस्तक के कुछ अनुदेश।
- फूलो की खुशबु हमेशा वायु की दिशा में फैलती हे पर एक अचे इंसान की खुशबु चारो दिशाओ में फैलती हे।
- आचरण से व्यक्ति के कुल का परिचय मिलता हे।
- मुर्ख व्यक्ति को पशु समझकर त्याग देना चाहिए।
- दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिए , इस में कोई बुराई नहीं।
- नियति व्यक्ति को हर समस्या से निकने का विकल्प देती हे।
- न कोई किसी का मित्र हे न ही शत्रु , कार्यवश ही सभी मित्र बनते हे या शत्रु।
- जिस देश में सम्मान न हो , जहा कोई आजीविका न मिले , जहा कोई अपने भाई बंधू न रहते हो , जहा विद्या अध्ययन संभव न हो , ऐसे स्तन पर नहीं रहना चाहिए।
- जिस व्यक्ति के पास धन हो , लोग स्वतः ही उसके मित्र बन जाते हे।
- जो धनवान हे उसी को आज के युग में विद्वान और सम्मानित व्यक्ति मन जाता हे।
- मुर्ख शिष्य को पढ़ने की चेष्टा न करे , इस से यश प्राप्त नहीं हो सकता।
- विपत्ति के समय मित्र की परीक्षा होती हे।
- अधिक भूका होने पर भी थोड़े में ही संतोष कर लेना, गहरी नींद में होने पर भी सतर्क रहना , स्वामी भक्त होना और वीरता। कुत्ते से ये गुण सिखने चाहिए।
- जिस गुरु के पास अधयत्मिक ज्ञान न हो उसे त्याग देना चाहिए।
- विद्वान के लिए कही विदेश नहीं होता।
- जिस धर्म में दया न हो उसे त्याग देना चाहिए।
- कदम , कसम और कलम हमेशा सोच समझ कर ही चलना चाहिये।
- में सब जनता हु यही सोच इंसान को कुए का मेंढक बन देति हे.
- किसी भी मनुष्य की वर्त्तमान स्तिथि को देख कर उसके भविष्य का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए , क्यों की समय में इतनी ताकद होती हे की वो साधारण कोयले को भी धीरे धीरे हीरा बना देता हे।
- जो तुम्हारी बाते सुनते वक़्त इधर उधर देखे उस व्यक्ति पर कभी विश्वास न करे।
- राजनीति में हिस्सा न लेना का सबसे बड़ा दंड यह हे की , अयोग्य व्यक्ति आप पर शासन करने लगता हे।
- जीवन में दो ही लोग असफल होते हे , एक जो सोचते हे पर करते नहीं और एक वो जो करते हे पर सोचते नहीं।